"गीता 11:14": अवतरणों में अंतर
छो (1 अवतरण) |
छो (Text replace - "link="index.php?title=" to "link="") |
||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
---- | ---- | ||
इस प्रकार <balloon link=" | इस प्रकार <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर मे जीतने वाला वो ही था। | ||
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤"> | ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤"> | ||
अर्जुन</balloon> द्वारा भगवान् का विराट् रूप देखे जाने के पश्चात क्या हुआ , इस जिज्ञासा पर कहते हैं- | अर्जुन</balloon> द्वारा भगवान् का विराट् रूप देखे जाने के पश्चात क्या हुआ , इस जिज्ञासा पर कहते हैं- |
10:48, 21 मार्च 2010 का अवतरण
गीता अध्याय-11 श्लोक-14 / Gita Chapter-11 Verse-14
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||