आप उन सम्पूर्ण लोकों को प्रज्वलित मुखों द्वारा ग्रास करते हुए सब ओर से बार- बार चाट रहे हैं, हे <balloon title="मधुसूदन, केशव, विष्णो, पुरुषोत्तम, वासुदेव, माधव, जनार्दन और वार्ष्णेय सभी भगवान् कृष्ण का ही सम्बोधन है।" style="color:green">विष्णो</balloon> ! आपका उग्र प्रकाश सम्पूर्ण जगत् को तेज के द्वारा परिपूर्ण करके तपा रहा है ।।30।।
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Swallowing through your blazing mouths; You are licking all those pepole on all sides. Lord, your terrible splendours are burning the entire universe, filling it with radiance. (30)
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