आप वायु, <balloon link="यमराज" title="यमराज जीवों के शुभाशुभ कर्मों के निर्णायक हैं।
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">यमराज</balloon>, <balloon link="अग्निदेव " title="अग्निदेवता यज्ञ के प्रधान अंग हैं। ये सर्वत्र प्रकाश करने वाले एवं सभी पुरुषार्थों को प्रदान करने वाले हैं। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">अग्नि</balloon>, <balloon link="वरूण " title="वरूण जल के स्वामी तथा सम्पूर्ण सम्राटों के सम्राट हैं। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">वरूण</balloon>, <balloon link="चंद्र" title="पौराणिक संदर्भों के अनुसार चंद्रमा को तपस्वी अत्रि और अनुसूया की संतान बताया गया है जिसका नाम 'सोम' है।
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">चन्द्रमा</balloon>, प्रजा के स्वामी <balloon link="ब्रह्मा" title="सर्वश्रेष्ठ पौराणिक त्रिदेवों में ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव की गणना होती है। इनमें ब्रह्मा का नाम पहले आता है, क्योंकि वे विश्व के आद्य सृष्टा, प्रजापति, पितामह तथा हिरण्यगर्भ हैं। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">ब्रह्मा</balloon> और ब्रह्म के भी पिता हैं । आपके लिये हजारों बार नमस्कार ! नमस्कार हो !! आपके लिये फिर भी बार-बार नमस्कार ! नमस्कार ! ।।39।।
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You are air, fire, water, and You are the moon! You are the supreme controller and the grandfather. Thus I offer my respectful obeisances unto You a thousand times, and again and yet again! (39)
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