मैं वैसे ही आपको मुकुट धारण किये हुए तथा गदा और चक्र हाथ में लिये हुए देखना चाहता हूँ, इसलिये हे विश्व स्वरूप ! हे <balloon title="मधुसूदन, केशव, पुरुषोत्तम, वासुदेव, माधव,सहस्त्रबाहो, जनार्दन और वार्ष्णेय सभी भगवान् कृष्ण का ही सम्बोधन है।" style="color:green">सहस्त्रबाहो</balloon> ! आप उसी चतुर्भुज रूप से प्रकट होइये । ।।46।।
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I wish to see you adorned in the same way with a diadem on the head, and holding a mace and a discus in two of your hands. O Lord with a thousand arms, O universal being, appear again in the same four-armed form. (46)
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