हे प्रभो ! यदि मेरे द्वारा आपका वह रूप देखा जाना शक्य है- ऐसा आप मानते हैं, तो हे <balloon title="मधुसूदन, केशव, योगेश्वर, पुरुषोत्तम, वासुदेव, माधव, जनार्दन और वार्ष्णेय सभी भगवान् कृष्ण का ही सम्बोधन है।" style="color:green">योगेश्वर</balloon> ! उस अविनाशी स्वरूप का मुझे दर्शन कराइये ।।4।।
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Krishna, if you think that it can be seen by me, them, O lord of yoga, reveal to me your imperishable form. (4)
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