जिनि थोथरा पिछोरे कोई। जो र पिछौरे जिहिं कण होई।। टेक।। झूठ रे यहु तन झूठी माया, झूठा हरि बिन जन्म गंवाया।।1।। झूठा रे मंदिर भोग बिलासा, कहि समझावै जन रैदासा।।2।।