संत ची संगति संत कथा रसु।
संत प्रेम माझै दीजै देवा देव।। टेक।।
संत तुझी तनु संगति प्रान। सतिगुर गिआन जानै संत देवा देव।।1।।
संत आचरण संत चो मारगु। संत च ओल्हग ओल्हगणी।।2।।
अउर इक मागउ भगति चिंतामणि। जणी लखावहु असंत पापी सणि।।3।।
रविदास भणै जो जाणै सो जाणु। संत अनंतहि अंतरु नाही।।4।।