प्रानी किआ मेरा किआ तेरा। तैसे तरवर पंखि बसेरा।। टेक।। जल की भीति पवन का थंभा। रकत बंुद का गारा। हाड़ मास नाड़ी को पिंजरू। पंखी बसै बिचारा।।1।। राखहु कंध उसारहु नीवां। साढ़े तीनि हाथ तेरी सीवां।।2।। बंके बाल पाग सिर डेरी। इहु तनु होइगो भसम की ढेरी।।3।। ऊचे मंदर सुंदर नारी। राम नाम बिनु बाजी हारी।।4।। मेरी जाति कमीनी पांति कमीनी। ओछा जनमु हमारा। तुम सरनागति राजा रामचंद। कहि रविदास चमारा।।5।।