दरसन दीजै राम दरसन दीजै। दरसन दीजै हो बिलंब न कीजै।। टेक।। दरसन तोरा जीवनि मोरा, बिन दरसन का जीवै हो चकोरा।।1।। माधौ सतगुर सब जग चेला, इब कै बिछुरै मिलन दुहेला।।2।। तन धन जोबन झूठी आसा, सति सति भाखै जन रैदासा।।3।।