हरि जपत तेऊ जना पदम कवलास -रैदास

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
हरि जपत तेऊ जना पदम कवलास -रैदास
रैदास
रैदास
कवि रैदास
जन्म 1398 ई. (लगभग)
जन्म स्थान काशी, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1518 ई.
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
रैदास की रचनाएँ

हरि जपत तेऊ जना पदम कवलास पति तास समतुलि नहीं आन कोऊ।
एक ही एक अनेक होइ बिसथरिओ आन रे आन भरपूरि सोऊ।। टेक।।
जा कै भागवतु लेखी ऐ अवरु नहीं पेखीऐ तास की जाति आछोप छीपा।
बिआस महि लेखी ऐ सनक महि पेखी ऐ नाम की नामना सपत दीपा।।1।।
जा कै ईदि बकरीदि कुल गऊ रे वधु करहि मानी अहि सेख सहीद पीरा।
जा कै बाप वैसी करी पूत ऐसी सरी तिहू रे लोक परसिध कबीरा।।2।।
जा के कुटंब के ढेढ सभ ढोर ढोवंत फिरहि अजहु बंनारसी आस पासा।
आचार सहित विप्र करहि डंडउति तिन तनै रविदास दासानुदासा।।3।।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख