"पांडे कैसी पूज रची रे -रैदास": अवतरणों में अंतर
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सति बोलै सोई सतिबादी, झूठी बात बची रे।। टेक।। | सति बोलै सोई सतिबादी, झूठी बात बची रे।। टेक।। | ||
जो अबिनासी सबका करता, ब्यापि रह्यौ सब ठौर रे। | जो अबिनासी सबका करता, ब्यापि रह्यौ सब ठौर रे। | ||
पंच तत जिनि कीया पसारा, सो यौ ही किधौं और | पंच तत जिनि कीया पसारा, सो यौ ही किधौं और रे।।1।। | ||
तू ज कहत है यौ ही करता, या कौं मनिख करै रे। | तू ज कहत है यौ ही करता, या कौं मनिख करै रे। | ||
तारण सकति सहीजे यामैं, तौ आपण क्यूँ न तिरै | तारण सकति सहीजे यामैं, तौ आपण क्यूँ न तिरै रे।।2।। | ||
अहीं भरोसै सब जग बूझा, सुंणि पंडित की बात रे।। | अहीं भरोसै सब जग बूझा, सुंणि पंडित की बात रे।। | ||
याकै दरसि कौंण गुण छूटा, सब जग आया जात | याकै दरसि कौंण गुण छूटा, सब जग आया जात रे।।3।। | ||
याकी सेव सूल नहीं भाजै, कटै न संसै पास रे। | याकी सेव सूल नहीं भाजै, कटै न संसै पास रे। | ||
सौचि बिचारि देखिया मूरति, यौं छाड़ौ रैदास | सौचि बिचारि देखिया मूरति, यौं छाड़ौ रैदास रे।।4।। | ||
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10:45, 1 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
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पांडे कैसी पूज रची रे। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |