"तेरा जन काहे कौं बोलै -रैदास": अवतरणों में अंतर
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बोल बोलतां बढ़ै बियाधि, बोल अबोलैं जाई। | बोल बोलतां बढ़ै बियाधि, बोल अबोलैं जाई। | ||
बोलै बोल अबोल कौं पकरैं, बोल बोलै कूँ | बोलै बोल अबोल कौं पकरैं, बोल बोलै कूँ खाई।।1।। | ||
बोलै बोल मांनि परि बोलैं, बोलै बेद बड़ाई। | बोलै बोल मांनि परि बोलैं, बोलै बेद बड़ाई। |
09:48, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
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तेरा जन काहे कौं बोलै। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |