"पांडे कैसी पूज रची रे -रैदास": अवतरणों में अंतर
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सति बोलै सोई सतिबादी, झूठी बात बची रे।। टेक।। | सति बोलै सोई सतिबादी, झूठी बात बची रे।। टेक।। | ||
जो अबिनासी सबका करता, ब्यापि रह्यौ सब ठौर रे। | जो अबिनासी सबका करता, ब्यापि रह्यौ सब ठौर रे। | ||
पंच तत जिनि कीया पसारा, सो यौ ही किधौं और | पंच तत जिनि कीया पसारा, सो यौ ही किधौं और रे।।1।। | ||
तू ज कहत है यौ ही करता, या कौं मनिख करै रे। | तू ज कहत है यौ ही करता, या कौं मनिख करै रे। | ||
तारण सकति सहीजे यामैं, तौ आपण क्यूँ न तिरै रे।।२।। | तारण सकति सहीजे यामैं, तौ आपण क्यूँ न तिरै रे।।२।। |
09:48, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
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पांडे कैसी पूज रची रे। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |