"तेरा जन काहे कौं बोलै -रैदास": अवतरणों में अंतर
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बोलै गुर अरु बोलै चेला, बोल्या बोल की परमिति जाई। | बोलै गुर अरु बोलै चेला, बोल्या बोल की परमिति जाई। | ||
कहै रैदास थकित भयौ जब, तब हीं परंमनिधि | कहै रैदास थकित भयौ जब, तब हीं परंमनिधि पाई।।4।। | ||
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10:44, 1 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
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तेरा जन काहे कौं बोलै। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |