"हरि हरि हरि न जपसि रसना -रैदास": अवतरणों में अंतर
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अवर सभ छाड़ि बचन रचना।। टेक।। | अवर सभ छाड़ि बचन रचना।। टेक।। | ||
सुध सागर सुरितरु चिंतामनि कामधैन बसि जाके रे। | सुध सागर सुरितरु चिंतामनि कामधैन बसि जाके रे। | ||
चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि करतल | चारि पदारथ असट महा सिधि नव निधि करतल ताकै।।1।। | ||
नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही। | नाना खिआन पुरान बेद बिधि चउतीस अछर माही। | ||
बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही।।२।। | बिआस बीचारि कहिओ परमारथु राम नाम सरि नाही।।२।। |
09:48, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
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हरि हरि हरि न जपसि रसना। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |