"भगति ऐसी सुनहु रे भाई -रैदास": अवतरणों में अंतर
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आई भगति तब गई बड़ाई।। टेक।। | आई भगति तब गई बड़ाई।। टेक।। | ||
कहा भयौ नाचैं अरु गायैं, कहौं भयौ तप कीन्हैं। | कहा भयौ नाचैं अरु गायैं, कहौं भयौ तप कीन्हैं। | ||
कहा भयौ जे चरन पखालै, जो परम तत नहीं | कहा भयौ जे चरन पखालै, जो परम तत नहीं चीन्हैं।।1।। | ||
कहा भयौ जू मूँड मुंड़ायौ, बहु तीरथ ब्रत कीन्हैं। | कहा भयौ जू मूँड मुंड़ायौ, बहु तीरथ ब्रत कीन्हैं। | ||
स्वांमी दास भगत अरु सेवग, जो परंम तत नहीं चीन्हैं।।२।। | स्वांमी दास भगत अरु सेवग, जो परंम तत नहीं चीन्हैं।।२।। |
09:48, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
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भगति ऐसी सुनहु रे भाई। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |