"मिलत पिआरों प्रान नाथु कवन भगति ते -रैदास": अवतरणों में अंतर
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झूठै बनजि उठि ही गई हाटिओ।।2।। | झूठै बनजि उठि ही गई हाटिओ।।2।। | ||
कहु रविदास भइयो जब लेखो। | कहु रविदास भइयो जब लेखो। | ||
जोई जोई कीनो सोई-सोई | जोई जोई कीनो सोई-सोई देखिओ।।3।। | ||
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10:10, 1 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
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मिलत पिआरों प्रान नाथु कवन भगति ते। |