"मरम कैसैं पाइबौ रे -रैदास": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "३" to "3") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "४" to "4") |
||
पंक्ति 41: | पंक्ति 41: | ||
तीन्यूं जुग तीन्यूं दिढी, कलि केवल नांव अधार।।3।। | तीन्यूं जुग तीन्यूं दिढी, कलि केवल नांव अधार।।3।। | ||
बाहरि अंग पखालिये, घट भीतरि बिबधि बिकार। | बाहरि अंग पखालिये, घट भीतरि बिबधि बिकार। | ||
सुचि कवन परिहोइये, कुंजर गति | सुचि कवन परिहोइये, कुंजर गति ब्यौहार।।4।। | ||
रवि प्रकास रजनी जथा, गत दीसै संसार पारस मनि तांबौ छिवै। | रवि प्रकास रजनी जथा, गत दीसै संसार पारस मनि तांबौ छिवै। | ||
कनक होत नहीं बार, धन जोबन प्रभु नां मिलै।।५।। | कनक होत नहीं बार, धन जोबन प्रभु नां मिलै।।५।। |
10:45, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
| ||||||||||||||||
|
मरम कैसैं पाइबौ रे। |
टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |