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कहाँ ते तुम आयो रे भाई, जाहुगे किस देस।।1।। | कहाँ ते तुम आयो रे भाई, जाहुगे किस देस।।1।। | ||
कहिये तो कहिये काहि कहिये, कहाँ कौन पतियाइ। | कहिये तो कहिये काहि कहिये, कहाँ कौन पतियाइ। | ||
रैदास दास अजान है करि, रह्यो सहज | रैदास दास अजान है करि, रह्यो सहज समाइ।।2।। | ||
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10:03, 1 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण
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भाई रे सहज बन्दी लोई, बिन सहज सिद्धि न होई। |