हे परंतप[1] ! ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्यों के तथा शूद्रों के कर्म स्वभाव से उत्पन्न गुणों के द्वारा विभक्त किये गये हैं ।।41।।
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The duties of the Brahmanas, the Ksatriyas and the Vaisyas, as well as of the Sudras, have been divided according to their inborn qualities, Arjuna. (41)
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