अर्जुन बोले-
हे अच्युत[2] ! आपकी कृपा से मेरा मोह नष्ट हो गया और मैंने स्मृति प्राप्त कर ली है, अब मैं संशयरहित होकर स्थित हूँ, अत: आपकी आज्ञा का पालन करूँगा ।।73।।
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Arjuna said:
Krishna, by Your grace my delusion has fled and wisdom has been gained by me. I stand shorn of all doubts. I will do your bidding.(73)
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