इस प्रकार यह गोपनीय से भी अति गोपनीय ज्ञान मैंने तुझसे कह दिया। अब तू इस रहस्य युक्त ज्ञान को पूर्णतया भलीभाँति विचार कर, जैसे चाहता है वैसे ही कर ।।63।।
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Thus has this wisdom, more secret than secrecy itself, been imparted to you by Me. Fully pondering it, do as you like. (63)
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