"गीता 18:13": अवतरणों में अंतर
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'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
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अब | अब सन्न्यास का यानी सांख्ययोग का तत्त्व समझाने के लिये पहले सांख्य-सिद्धान्त के अनुसार कर्मों की सिद्धि में पाँच हेतु बतलाते हैं- | ||
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हे < | हे महाबाहो<ref>पार्थ, भारत, धनंजय, पृथापुत्र, परन्तप, गुडाकेश, निष्पाप, महाबाहो सभी [[अर्जुन]] के सम्बोधन है।</ref> ! सम्पूर्ण कर्मों की सिद्धि के पाँच हेतु कर्मों का अन्त करने के लिये उपाय बतलाने वाले सांख्य-शास्त्र में कहे गये हैं, उनको तू मुझसे भली-भाँति जान ।।13।। | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
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==संबंधित लेख== | |||
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13:53, 2 मई 2015 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-18 श्लोक-13 / Gita Chapter-18 Verse-13
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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