हे धनंजय[1] ! अब तू बुद्धि का और धृति का भी गुणों के अनुसार तीन प्रकार का भेद मेरे द्वारा सम्पूर्णता से विभागपूर्वक कहा जाने वाला सुन ।।29।।
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Now, O winner of wealth, please listen as I tell you in detail of the three kinds of understanding and determination according to the three modes of nature.(29)
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