हे <balloon link="कुन्ती" title="ये वसुदेवजी की बहन और भगवान श्रीकृष्ण की बुआ थीं। महाभारत में महाराज पाण्डु की पत्नी ।
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">कुन्ती</balloon> पुत्र ! जिस कर्म को तू मोह के कारण करना नहीं चाहता, उसको भी अपने पूर्व कृत स्वाभाविक कर्म से बँधा हुआ परवश होकर करेगा ।।60।।
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That action too which you are not willing to undertake through ignorance, bound by your own duty born of your nature, you will helplessly perform.(60)
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