सम्पूर्ण गोपनीयों से अति गोपनीय मेरे परम रहस्य युक्त वचन को तू फिर भी सुन तू मेरा अतिशय प्रिय है, इससे यह परम हितकारक वचन मैं तुझसे कहूँगा ।।64।।
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Hear, again, My supremely secret word, the most esoteric of all truths. You are extremely dear to Me; therefore, I shall offer you this salutary advice. (64)
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