"साँचा:सूरदास की रचनाएँ": अवतरणों में अंतर
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प्रीति चौधरी (वार्ता | योगदान) No edit summary |
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|रचना 8=दृढ इन चरण कैरो भरोसो | |रचना 8=दृढ इन चरण कैरो भरोसो | ||
|रचना 9=अंखियां हरि–दरसन की प्यासी | |रचना 9=अंखियां हरि–दरसन की प्यासी | ||
|रचना 10= | |रचना 10=राखी बांधत जसोदा मैया | ||
|रचना 11=जागिए ब्रजराज कुंवर | |रचना 11=जागिए ब्रजराज कुंवर | ||
|रचना 12=आजु मैं गाई चरावन जैहों | |रचना 12=आजु मैं गाई चरावन जैहों | ||
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|रचना 2=कहियौ, नंद कठोर भये | |रचना 2=कहियौ, नंद कठोर भये | ||
|रचना 3=मेटि सकै नहिं कोइ | |रचना 3=मेटि सकै नहिं कोइ | ||
|रचना 4= | |रचना 4=मेरी माई, हठी बालगोबिन्दा | ||
|रचना 5=अब या तनुहिं राखि कहा कीजै | |रचना 5=अब या तनुहिं राखि कहा कीजै | ||
|रचना 6= | |रचना 6=माधव कत तोर करब बड़ाई | ||
|रचना 7=मन तोसों कोटिक बार कहीं | |रचना 7=मन तोसों कोटिक बार कहीं | ||
|रचना 8=आनि सँजोग परै | |रचना 8=आनि सँजोग परै | ||
|रचना 9=जापर दीनानाथ ढरै | |रचना 9=जापर दीनानाथ ढरै | ||
|रचना 10=नैन भये बोहित के काग | |रचना 10=नैन भये बोहित के काग | ||
|रचना 11= | |रचना 11=मो परतिग्या रहै कि जाउ | ||
|रचना 12= | |रचना 12=हरि, तुम क्यों न हमारैं आये | ||
|रचना 13=गिरि जनि गिरै स्याम के कर तैं | |रचना 13=गिरि जनि गिरै स्याम के कर तैं | ||
|रचना 14=प्रभु, मेरे औगुन चित न धरौ | |रचना 14=प्रभु, मेरे औगुन चित न धरौ | ||
|रचना 15=अब हों नाच्यौ बहुत गोपाल | |रचना 15=अब हों नाच्यौ बहुत गोपाल | ||
|रचना 16=उपमा हरि तनु देखि लजानी | |रचना 16=उपमा हरि तनु देखि लजानी | ||
|रचना 17= | |रचना 17=मोहन केसे हो तुम दानी | ||
|रचना 18=ऊधो, हम लायक सिख दीजै | |रचना 18=ऊधो, हम लायक सिख दीजै | ||
|रचना 19=भाव भगति है जाकें | |रचना 19=भाव भगति है जाकें | ||
|रचना 20=नाथ, अनाथन की सुधि लीजै | |रचना 20=नाथ, अनाथन की सुधि लीजै | ||
|रचना 21= | |रचना 21=हमारे प्रभु, औगुन चित न धरौ | ||
|रचना 22=जौलौ सत्य स्वरूप न सूझत | |रचना 22=जौलौ सत्य स्वरूप न सूझत | ||
|रचना 23= | |रचना 23=मेरो कान्ह कमलदललोचन | ||
|रचना 24=तजौ मन, हरि-बिमुखनि को संग | |रचना 24=तजौ मन, हरि-बिमुखनि को संग | ||
|रचना 25= | |रचना 25=सकल सुख के कारन | ||
}}{{सूचना बक्सा कविता सूची | }}{{सूचना बक्सा कविता सूची | ||
|कवि का नाम=सूरदास | |कवि का नाम=सूरदास | ||
|रचना प्रकार= | |रचना प्रकार= | ||
|रचना 1=भजु मन चरन संकट-हरन | |रचना 1=भजु मन चरन संकट-हरन | ||
|रचना 2= | |रचना 2=हम भगतनि के भगत हमारे | ||
|रचना 3=मुरली गति बिपरीत कराई | |रचना 3=मुरली गति बिपरीत कराई | ||
|रचना 4=ऊधो, मन माने की बात | |रचना 4=ऊधो, मन माने की बात | ||
|रचना 5= | |रचना 5=राखौ लाज मुरारी | ||
|रचना 6=भोरहि सहचरि कातर दिठि | |रचना 6=भोरहि सहचरि कातर दिठि | ||
|रचना 7=कब तुम मोसो पतित उधारो | |रचना 7=कब तुम मोसो पतित उधारो | ||
|रचना 8= | |रचना 8=रतन-सौं जनम गँवायौ | ||
|रचना 9=कहां लौं बरनौं सुंदरताई | |रचना 9=कहां लौं बरनौं सुंदरताई | ||
|रचना 10= | |रचना 10=रे मन मूरख, जनम गँवायौ | ||
|रचना 11= | |रचना 11=मो परतिग्या रहै कि जाउ | ||
|रचना 12=कीजै प्रभु अपने बिरद की लाज | |रचना 12=कीजै प्रभु अपने बिरद की लाज | ||
|रचना 13=चरन कमल बंदौ हरिराई | |रचना 13=चरन कमल बंदौ हरिराई | ||
|रचना 14=तबतें बहुरि न कोऊ आयौ | |रचना 14=तबतें बहुरि न कोऊ आयौ | ||
|रचना 15= | |रचना 15=वृच्छन से मत ले | ||
|रचना 16= | |रचना 16=आई छाक बुलाये स्याम | ||
|रचना 17= | |रचना 17=हरि हरि हरि सुमिरन करौ | ||
|रचना 18=मन धन-धाम धरे | |रचना 18=मन धन-धाम धरे | ||
|रचना 19=प्रीति करि काहू सुख न लह्यो | |रचना 19=प्रीति करि काहू सुख न लह्यो | ||
|रचना 20=ऎसी प्रीति की बलि जाऊं | |रचना 20=ऎसी प्रीति की बलि जाऊं | ||
|रचना 21=जौ बिधिना अपबस करि पाऊं | |रचना 21=जौ बिधिना अपबस करि पाऊं | ||
|रचना 22= | |रचना 22=मोहिं प्रभु, तुमसों होड़ परी | ||
|रचना 23=कहियौ जसुमति की आसीस | |रचना 23=कहियौ जसुमति की आसीस | ||
|रचना 24= | |रचना 24=मेरो मन अनत कहां सचु पावै | ||
|रचना 25=उधो, मन नाहीं दस बीस | |रचना 25=उधो, मन नाहीं दस बीस | ||
}}{{सूचना बक्सा कविता सूची | }}{{सूचना बक्सा कविता सूची | ||
|कवि का नाम=सूरदास | |कवि का नाम=सूरदास | ||
|रचना प्रकार= | |रचना प्रकार= | ||
|रचना 1= | |रचना 1=सोभित कर नवनीत लिए | ||
|रचना 2=तिहारो दरस मोहे भावे | |रचना 2=तिहारो दरस मोहे भावे | ||
|रचना 3=निसिदिन बरसत नैन हमारे | |रचना 3=निसिदिन बरसत नैन हमारे | ||
|रचना 4=माधवजू, जो जन तैं बिगरै | |रचना 4=माधवजू, जो जन तैं बिगरै | ||
|रचना 5= | |रचना 5=वा पटपीत की फहरानि | ||
|रचना 6= | |रचना 6=ऊधो, मोहिं ब्रज बिसरत नाहीं | ||
|रचना 7= | |रचना 7=संदेसो दैवकी सों कहियौ | ||
|रचना 8=फिर फिर कहा सिखावत बात | |रचना 8=फिर फिर कहा सिखावत बात | ||
|रचना 9=खेलत नंद-आंगन गोविन्द | |रचना 9=खेलत नंद-आंगन गोविन्द | ||
|रचना 10= | |रचना 10=ऐसैं मोहिं और कौन पहिंचानै | ||
|रचना 11= | |रचना 11=रे मन, राम सों करि हेत | ||
|रचना 12=जसोदा, तेरो भलो हियो है माई | |रचना 12=जसोदा, तेरो भलो हियो है माई | ||
|रचना 13= | |रचना 13=रानी तेरो चिरजीयो गोपाल | ||
|रचना 14= | |रचना 14=व्रजमंडल आनंद भयो | ||
|रचना 15= | |रचना 15=सरन गये को को न उबार्यो | ||
|रचना 16= | |रचना 16=मेरो मन अनत कहाँ सुख पावे | ||
|रचना 17=कहां लौं बरनौं सुंदरताई | |रचना 17=कहां लौं बरनौं सुंदरताई | ||
|रचना 18=बदन मनोहर गात | |रचना 18=बदन मनोहर गात | ||
|रचना 19=तुम्हारी भक्ति हमारे प्रान | |रचना 19=तुम्हारी भक्ति हमारे प्रान | ||
|रचना 20= | |रचना 20=सोइ रसना जो हरिगुन गावै | ||
|रचना 21=जोग ठगौरी ब्रज न बिकहै | |रचना 21=जोग ठगौरी ब्रज न बिकहै | ||
|रचना 22=है हरि नाम कौ आधार | |रचना 22=है हरि नाम कौ आधार | ||
|रचना 23=निरगुन कौन देश कौ बासी | |रचना 23=निरगुन कौन देश कौ बासी | ||
|रचना 24=जसुमति दौरि लिये हरि कनियां | |रचना 24=जसुमति दौरि लिये हरि कनियां | ||
|रचना 25=ऊधौ, कर्मन की गति न्यारी | |रचना 25=सबसे ऊँची प्रेम सगाई | ||
}}{{सूचना बक्सा कविता सूची | |||
|कवि का नाम=सूरदास | |||
|रचना प्रकार= | |||
|रचना 1=प्रीति करि काहु सुख न लह्यो | |||
|रचना 2=अबिगत गति कछु कहति न आवै | |||
|रचना 3=जो पै हरिहिंन शस्त्र गहाऊं | |||
|रचना 4=ऊधौ, कर्मन की गति न्यारी | |||
|रचना 5=कब तुम मोसो पतित उधारो | |||
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