अंगारवाहिका का एक नदी तटवर्ती पितृ तीर्थ के रूप में वर्णन मत्स्यपुराण[1] में हुआ है। इस स्थान पर स्नान और दान करना उत्तम माना गया है तथा पितरों के लिए किया गया श्राद्ध अनन्तफल औऱ अति प्रशस्त माना गया है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मत्स्यपुराण 22.35