अस्थिकुण्ड पौराणिक धर्म ग्रंथों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार एक नरक का नाम है।[1] पुराणानुसार यहाँ हड्डियाँ भरी हुई हैं। जो लोग गया में पिण्डदान आदि नहीं करते, वे इसी नरक में जाते हैं। पिण्डदान के लिए गया का विष्णुपद विख्यात है।[2]
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अस्थिकुण्ड पौराणिक धर्म ग्रंथों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार एक नरक का नाम है।[1] पुराणानुसार यहाँ हड्डियाँ भरी हुई हैं। जो लोग गया में पिण्डदान आदि नहीं करते, वे इसी नरक में जाते हैं। पिण्डदान के लिए गया का विष्णुपद विख्यात है।[2]
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