नरक देश

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नरक देश का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है।[1] महाभारत के अनुसार यवनाधिप भगदत्त का मुर तथा नरक नाम के देशों पर राज्य था-

'मुरं च नरकं चैव शास्ति यो यवनाधिप:, अपर्यन्तवलो राजा प्रतीच्यां वरुणो यथा, भगदत्तो महाराज वृद्धस्तवपित्तु: सखा'[2]

  • उपर्युक्त उद्धरण से इंगित होता है कि इस देश की स्थिति पश्चिम दिशा में (भारत की उत्तर पश्चिमी सीमा पर) रही होगी।
  • राजा भगदत्त एक यवन (शायद ग्रीक) शासक था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 478 |
  2. महाभारत, सभापर्व 14, 14-15.

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