ज्योतिष्क | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- ज्योतिष्क (बहुविकल्पी) |
ज्योतिष्क का उल्लेख हिन्दू पौरणिक ग्रन्थ वायु पुराण[1] में हुआ है।
- यह मेरु पर्वत की एक चोटी है, जो बहुमूल्य रत्नों से भरी है।
- आदित्यगण, वसुगण, दो अश्विनी कुमार द्वौ, गुह्यक, यक्ष, आदि सब यहाँ गंगा तथा नंदी के अतिरिक्त पशुपति की उपसाना करते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 189 |
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