नलमाली शूर्पारक जातक में वर्णित एक समुद्र का नाम है-
'यथानलो व वेणुव समुद्दोपति दिस्सति'
अर्थात् "जिस प्रकार नल या वेणु दिखाई देता है, उसी प्रकार हरित वर्ण का यह समुद्र है।"
- नलमाली समुद्र में वैदूर्य उत्पन्न होता था।
- यह समुद्र भरुकच्छ या भडौंच से जलयान पर देशांतरों से व्यापार करने के लिए निकले हुए वणिकों को मार्ग में मिला था।
- अन्य समुद्रों के नाम जो वणिकों को मिले थे, वे हैं-
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 481 |