अनरक नामक स्थान का उल्लेख पौराणिक धर्म ग्रंथ 'मत्स्यपुराण' में हुआ है। यह नर्मदा नदी के एक क्षेत्र का नाम है।[1] ऐसी मान्यता है कि जहाँ स्नान कर लेने पर नरक का भय नहीं रहता।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणाप्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 20 |
- ↑ मत्स्यपुराण 192, 1-3; 193.17