वंश अथवा 'वश' एक प्राचीन देश का नाम था। ऐतरेय ब्राह्मण तथा कौशीतकी उपनिषद में इस देश का नाम (वश) कुरु-पंचाल तथा उशीनर के प्रसंग में उल्लिखित है[1] ओल्डनबर्ग के अनुसार 'वश' या 'वंश' वत्स के ही रूपांतर हैं।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ शतपथ ब्राह्मण 12; 2, 2, 13
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 828 |