पंडुकेश्वर बदरिकाश्रम के मार्ग में विष्णुगंगा से आगे एक तीर्थ स्थान है।
- इस तीर्थ स्थल को 'योगबद्री' भी कहते हैं।
- यहाँ पर एक प्राचीन मंदिर है, जिसमें योगबद्री नारायण और वसुदेव की मूर्तियाँ हैं। ऐसा कहा जाता है कि पांडवों ने इसका निर्माण कराया था।[1][2]
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