इलातीर्थ पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार गोदावरी नदी के तट पर स्थित एक स्थान को कहा गया है।[1] यहाँ भगवान शंकर के आदेश से 'इला' ने स्नान कर फिर से पुरुष का रूप धारण किया था। इस स्थान पर राजा इला को पुरुषत्व की पुन: प्राप्ति हुई थी। वहाँ गौतमी (गोदवरी नदी) के दोनों तटों पर 16000 तीर्थ निवास करते हैं।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणाप्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 54 |
- ↑ ब्रह्मांडपुराण-इलातीर्थ-माहा.