यवनपुर नामक एक प्राचीन स्थान का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है-
'अंताखी चैव रोमां च यवनानांपुरं तथा, दूतैरैव वशे चक्रे करं चैनानदापयत्।'[1]
- पाण्डव सहदेव ने यवनों (ग्रीक लोगों) के यवनपुर नामक नगर को अपनी दिग्विजय यात्रा में विजित करके वहां से कर ग्रहण किया था।[2]
- यवनपुर का अभिज्ञान मिस्र के प्राचीन नगर 'एलेग्जेंड्रिया' से किया गया है।[3]
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