जटापुर मुरचीपत्तन (केरल) के निकट स्थित है। इसका उल्लेख वाल्मीकि रामायण, किष्किंधाकांड[1] में इस प्रकार हुआ है-
'वेलातलनिविष्टेषु पर्वतेषु वनेषु च मुरचीपत्तनं चैव रम्यं चैव जटापुरम्।'
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जटापुर मुरचीपत्तन (केरल) के निकट स्थित है। इसका उल्लेख वाल्मीकि रामायण, किष्किंधाकांड[1] में इस प्रकार हुआ है-
'वेलातलनिविष्टेषु पर्वतेषु वनेषु च मुरचीपत्तनं चैव रम्यं चैव जटापुरम्।'
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