अग्नितीर्थ नामक तीर्थ स्थान का उल्लेख कई पौराणिक हिन्दू धर्मग्रंथों में हुआ है। स्कन्दपुराण के अनुसार अग्नीतीर्थ गंधमादन पर्वत पर स्थित था, जहाँ श्रीराम ने लंका के राजा रावण को मार कर उसके भाई विभीषण को राजा बनाकर अग्नि का आवाहन किया था।[1] इसी स्थान पर अग्निदेव प्रकट हुए थे।[2]
- मत्स्यपुराण के प्रसंगानुसार 'अग्नितीर्थ' यमुना नदी के दक्षिण तट पर स्थित एक तीर्थ था।[3]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणाप्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 10 |
- ↑ स्कन्दपुराण ब्राह्माखण्ड, सेतु-माहा.
- ↑ मत्स्यपुराण 108.27