गदावसान नामक स्थान का उल्लेख महाभारत, सभापर्व[1] में हुआ है-
'दृष्ट्वा पौरैस्तथा सम्यग् गदा चैव निवेशिता, गदावसानं तत्ख्यातं मथुराया: समीपंत:'
- महाभारत के इस उल्लेख से सूचित होता है कि गदावसान मथुरा के समीप वह स्थान था, जहाँ किंवदंती के अनुसार 'गिरिव्रज' (मगध) से जरासंध द्वारा फेंकी हुई गदा 99 योजन दूर श्रीकृष्ण के समक्ष जाकर गिरी थी। संभव है कि यह गदा उस समय का कोई दूरगामी अस्त्र रहा हो।[2]
|
|
|
|
|