रम्यग्राम नामक एक प्राचीन स्थान का उल्लेख महाभारत में हुआ है-
'मारुधं च विनिर्जित्य रम्यग्राममथोबलात्।'[1]
- पाण्डव सहदेव ने अपनी दक्षिण भारत की विजय यात्रा में इस स्थान को विजित किया था।
- महाभारत के उपरोक्त संदर्भ से यह स्थान मालवा के क्षेत्र में जान पड़ता है।[2]
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