"तिहारो दरस मोहे भावे -सूरदास": अवतरणों में अंतर
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श्री गोकुल के निकट बहत हो, लहरन की छवि आवे ॥1॥ | श्री गोकुल के निकट बहत हो, लहरन की छवि आवे ॥1॥ | ||
सुख देनी दुख हरणी श्री यमुना जी, जो जन प्रात उठ न्हावे । | सुख देनी दुख हरणी श्री यमुना जी, जो जन प्रात उठ न्हावे । | ||
मदन मोहन जू की खरी प्यारी, पटरानी जू कहावें | मदन मोहन जू की खरी प्यारी, पटरानी जू कहावें ॥2॥ | ||
वृन्दावन में रास रच्यो हे, मोहन मुरली बजावे । | वृन्दावन में रास रच्यो हे, मोहन मुरली बजावे । | ||
सूरदास प्रभु तिहारे मिलन को, वेद विमल जस गावें ॥३॥ | सूरदास प्रभु तिहारे मिलन को, वेद विमल जस गावें ॥३॥ |
10:03, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण
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तिहारो दरस मोहे भावे श्री यमुना जी । |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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