"तिहारो दरस मोहे भावे -सूरदास": अवतरणों में अंतर
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तिहारो दरस मोहे भावे श्री यमुना जी । | तिहारो दरस मोहे भावे श्री यमुना जी । | ||
श्री गोकुल के निकट बहत हो, लहरन की छवि आवे ॥1॥ | श्री गोकुल के निकट बहत हो, लहरन की छवि आवे ॥1॥ | ||
सुख देनी | सुख देनी दु:ख हरणी श्री यमुना जी, जो जन प्रात उठ न्हावे । | ||
मदन मोहन जू की खरी प्यारी, पटरानी जू कहावें ॥2॥ | मदन मोहन जू की खरी प्यारी, पटरानी जू कहावें ॥2॥ | ||
वृन्दावन में रास रच्यो हे, मोहन मुरली बजावे । | वृन्दावन में रास रच्यो हे, मोहन मुरली बजावे । |
14:11, 2 जून 2017 के समय का अवतरण
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तिहारो दरस मोहे भावे श्री यमुना जी । |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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