"अनरक": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''अनरक''' नामक स्थान का उल्लेख पौराणिक धर्म ग्रंथ '[[मत्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - " नही " to " नहीं ") |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''अनरक''' नामक स्थान का उल्लेख पौराणिक धर्म ग्रंथ '[[मत्स्यपुराण]]' में हुआ है। यह [[नर्मदा नदी]] के एक क्षेत्र का नाम है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणाप्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=20|url=}}</ref> ऐसी मान्यता है कि जहाँ [[स्नान]] कर लेने पर नरक का भय | '''अनरक''' नामक स्थान का उल्लेख पौराणिक धर्म ग्रंथ '[[मत्स्यपुराण]]' में हुआ है। यह [[नर्मदा नदी]] के एक क्षेत्र का नाम है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणाप्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=20|url=}}</ref> ऐसी मान्यता है कि जहाँ [[स्नान]] कर लेने पर नरक का भय नहीं रहता।<ref>[[मत्स्यपुराण]] 192, 1-3; 193.17</ref> | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
12:47, 2 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण
अनरक नामक स्थान का उल्लेख पौराणिक धर्म ग्रंथ 'मत्स्यपुराण' में हुआ है। यह नर्मदा नदी के एक क्षेत्र का नाम है।[1] ऐसी मान्यता है कि जहाँ स्नान कर लेने पर नरक का भय नहीं रहता।[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणाप्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, आज भवन, संत कबीर मार्ग, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 20 |
- ↑ मत्स्यपुराण 192, 1-3; 193.17