एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

"प्रांगण:मुखपृष्ठ/पर्यटन" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
(5 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 133 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{प्रांगण}}
 
 
{| width="100%"
 
{| width="100%"
 
|
 
|
{| width="100%" style="border:solid thin #f6bbdb;" class="bgtour" align="center" cellpadding="0" cellspacing="5"
+
{| width="100%" class="bgtourism" style="border:1px solid #e8cbac; border-radius:5px; margin-left:5px; padding:5px;" cellspacing="0" cellpadding="0"
| valign="top" style="width:40%" |
+
| valign="top" style="width:40%; border:none;"|
<font color="#584007">
+
[[चित्र:Compass-01.png|right|100px]]
*यहाँ आप भारत की पर्यटन संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
+
* यहाँ हम [[भारत]] की पर्यटन संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।<br />
पर्यटन एक ऐसी यात्रा है जो मनोरंजन या फुरसत के क्षणों का आनंद उठाने के उद्देश्यों से की जाती है। विश्व पर्यटन संगठन के अनुसार पर्यटक वे लोग हैं जो "यात्रा करके अपने सामान्य वातावरण से बाहर के स्थानों में रहने जाते हैं, यह दौरा ज़्यादा से ज़्यादा एक साल के लिए मनोरंजन, व्यापार या अन्य उद्देश्यों से किया जाता है, यह उस स्थान पर किसी विशेष क्रिया से सम्बंधित नहीं होता है।  
+
* पर्यटन के अनेक प्रकार हैं जैसे- सांस्कृतिक, पर्यावरण, स्वास्थ्य, धार्मिक,  शैक्षिक, पुरातत्त्व, विरासत-परम्परा, रोमांचक और वन्य जीवन आदि।
</font>
+
* प्राचीन काल से ही भारत एक अत्यन्त ही विविधता सम्पन्न देश रहा है और यह विशेषता आज भी समय की घड़ी पर अंकित है।<br />
| valign="middle" style="width:20%" |
+
* वर्ष 2007 में, 90.3 करोड़ से अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन के साथ, 2006 की तुलना में 6.6% की वृद्धि दर्ज की गई।  
<div style=text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;><h2>पर्यटन मुखपृष्ठ</h2></div>
+
{{Headnote2| [[:श्रेणी:पर्यटन कोश|पर्यटन श्रेणी के सभी लेख देखें:- पर्यटन कोश]]}}
[[चित्र:Tour-menu6.gif|center|70px]]
+
{{प्रांगण नोट}}
| valign="top" style="width:40%"|
 
<font color="#584007">
 
पर्यटन दुनिया भर में एक आरामपूर्ण गतिविधि के रूप में लोकप्रिय हो गया है और एक व्यवसाय के रूप में विकसित हो रहा है। 2007 में, 903 मिलियन से अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन के साथ, 2006 की तुलना में 6.6 % की वृद्धि दर्ज की गई। 2007 में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक प्राप्तियाँ अमरीकी डॉलर 856 अरब थी।
 
 
|}
 
|}
 
|-
 
|-
 
|
 
|
{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"
+
{| width="100%" cellpadding="0" cellspacing="0"
 
|-
 
|-
 
+
| class="headbg12"  style="border:1px solid #e8cbac; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#f8e4cf; border:thin solid #e8cbac;">'''विशेष आलेख'''</div>
| style="border:solid thin #a5d3f2; padding:10px;" class="headbg34" valign="top" |  
+
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[महेश्वर]]'''</div>
{| style="background:none; color:#584007"
+
<div id="rollnone">[[चित्र:Maheshwar-Fort-and-ahilya-ghat-2.jpg|right|100px|अहिल्या घाट, महेश्वर|link=महेश्वर|border]] </div>
|
+
<poem>
पर्यटन दुनिया भर में एक आरामपूर्ण गतिविधि के रूप में लोकप्रिय हो गया है और एक व्यवसाय के रूप में विकसित हो रहा है। 2007 में, 903 मिलियन से अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन के साथ, 2006 की तुलना में 6.6 % की वृद्धि दर्ज की गई। 2007 में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक प्राप्तियाँ अमरीकी डॉलर 856 अरब थी।
+
        '''[[महेश्वर]]''' [[मध्य प्रदेश]] में स्थित एक ऐतिहासिक नगर तथा प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह [[नर्मदा नदी]] के किनारे पर बसा है। प्राचीन समय में यह [[होल्कर वंश]] की राजधानी था। महेश्वर को '[[माहिष्मती]]' नाम से भी जाना जाता है। महेश्वर का [[हिन्दू]] धार्मिक ग्रंथ '[[रामायण]]' तथा '[[महाभारत]]' में भी उल्लेख मिलता है। [[अहिल्याबाई होल्कर|देवी अहिल्याबाई होल्कर]] के कालखंड में बनाये गए यहाँ के घाट बहुत सुन्दर हैं और इनका प्रतिबिम्ब नर्मदा नदी के [[जल]] में बहुत ख़ूबसूरत दिखाई देता है।  यह शहर अपनी '[[महेश्वरी साड़ी|महेश्वरी साड़ियों]]' के लिए भी विशेष रूप से प्रसिद्ध रहा है। [[महेश्वर|... और पढ़ें]]
|}
+
</poem>
 
 
 
|-
 
|-
 
+
| style="border:1px solid #BE8383; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; " class="headbg30" valign="top" colspan="2"|  
| class="headbg6" style="border:1px solid #D0D09D;padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg5" style="padding-left:8px;"><span style="color:#34341B;">'''एक व्यक्तित्व'''</span></div>  
+
<div style="padding-left:8px; background:#ede0e0; border:thin solid #cda7a7;">'''चयनित लेख'''</div>  
----
+
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[लखनऊ]]'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[शिवाजी|छत्रपति शिवाजी महाराज]]'''</div>
+
<div id="rollnone"> [[चित्र:Chota-Imambara-Lucknow.jpg|right|100px|छोटा इमामबाड़ा लखनऊ|link=लखनऊ|border]]</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Chatrapati Shivaji-2.jpg|right|100px|शिवाजी|link=शिवाजी]] </div>
+
<poem>
 
+
        '''[[लखनऊ]]''' को ऐतिहासिक रूप से [[अवध]] क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ के वर्तमान स्वरूप की स्थापना [[अवध के नवाब]] '[[आसफ़उद्दौला]]' ने 1775 ई. में की थी। पुरातत्त्ववेत्ताओं के अनुसार इसका प्राचीन नाम 'लक्ष्मणपुर' था। [[राम]] के छोटे भाई [[लक्ष्मण]] ने इसे बसाया था। यहाँ के शिया नवाबों ने शिष्टाचार, ख़ूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को सदैव संरक्षण दिया। लखनऊ 'नवाबों का शहर' भी कहलाता है।  लखनऊ में [[बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ|बड़ा इमामबाड़ा]], [[छोटा इमामबाड़ा लखनऊ|छोटा इमामबाड़ा]] तथा [[रूमी दरवाज़ा लखनऊ|रूमी दरवाज़ा]] [[मुग़लकालीन स्थापत्य एवं वास्तुकला|मुग़ल वास्तुकला]] के अद्भुत उदाहरण हैं। [[लखनऊ|... और पढ़ें]]
*शिवाजी महाराज का पूरा नाम '''शिवाजी राजे भोंसले''' था। [[शाहजी भोंसले]] की पहली पत्नी [[जीजाबाई]] ने शिवाजी को 19 फरवरी, 1630 को [[महाराष्ट्र]] के शिवनेरी दुर्ग में जन्म दिया।
+
</poem>
*शाहजी भोंसले ने शिवाजी के जन्म के उपरान्त ही अपनी पत्नी को त्याग दिया था। इसलिये उनका बचपन बहुत उपेक्षित रहा और वे सौतेली माँ के कारण बहुत दिनों तक पिता के संरक्षण से वंचित रहे। 
 
*बालक शिवाजी का लालन-पालन उनके स्थानीय संरक्षक दादाजी '''कोणदेव''' तथा जीजाबाई के [[समर्थ रामदास|समर्थ गुरु रामदास]] की देखरेख में हुआ।
 
*शिवाजी का विवाह '''साइबाईं निम्बालकर''' के साथ सन 1641 में [[बेंगळूरू|बंगलौर]] में हुआ था। शिवाजी के दो पुत्र '''सम्भाजी राजे भोंसले''', '''राजाराम छत्रपति''' और छ: पुत्रियाँ थीं।
 
*ये [[भारत]] में मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। सेनानायक के रूप में शिवाजी की महानता निर्विवाद रही है। शिवाजी ने भू-राजस्व एवं प्रशासन के क्षेत्र में अनेक क़दम उठाए। शिवाजी ने अनेक क़िलों का निर्माण और पुनरुद्धार करवाया। शिवाजी के निर्देशानुसार सन 1679 ई. में अन्नाजी दत्तों ने एक विस्तृत भू-सर्वेक्षण करवाया जिसके परिणामस्वरूप एक नया राजस्व निर्धारण हुआ।
 
*मैकाले द्वारा 'शिवाजी महान' कहे जाने वाले शिवाजी की 1680 में कुछ समय बीमार रहने के बाद अपनी राजधानी पहाड़ी दुर्ग राजगढ़ में 3 अप्रॅल को मृत्यु हो गई।  '''[[शिवाजी|.... और पढ़ें]]'''
 
 
|-
 
|-
| class="headbg16" style="border:1px solid #B0B0FF; padding:10px;" valign="top" | <div class="headbg15" style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''विशेष आलेख'''</span></div>  
+
| class="headbg12" style="border:1px solid #e8cbac; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#f8e4cf; border:thin solid #e8cbac;">'''चयनित लेख'''</div>  
----
+
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[कन्याकुमारी]]'''</div>
<center>'''[[ब्रज]]'''</center>
+
<div id="rollnone">[[चित्र:Sunset-Kanyakumari.jpg|right|100px|कन्याकुमारी मंदिर|link=कन्याकुमारी|border]]</div>
[[चित्र:Braj-Kolaz.jpg|right|130px|ब्रज के विभिन्न द्रश्य|link=ब्रज]]
+
<poem>
*ब्रज शब्द का प्रयोग [[वेद|वेदों]], [[रामायण]] और [[महाभारत]] के काल में गोष्ठ- 'गो-स्थान’ जैसे लघु स्थल के लिये होता था, वहीं पौराणिक काल में ‘गोप-बस्ती’ जैसे कुछ बड़े स्थानों के लिये किया जाने लगा।
+
        '''[[कन्याकुमारी]]''' भारत भूमि के सबसे दक्षिण बिंदु पर स्थित केवल एक नगर ही नहीं बल्कि देशी विदेशी सैलानियों का एक बड़ा पर्यटन स्थल भी है। [[भारत]] के मस्तक पर मुकुट के समान सजे [[हिमालय]] के धवल शिखरों को निकट से देखने के बाद हर सैलानी के मन में भारतभूमि के अंतिम छोर को देखने की इच्छा भी उभरने लगती है। यह स्थान एक खाड़ी, एक [[सागर]] और एक [[महासागर]] का मिलन बिंदु है। अपार जलराशि से घिरे इस स्थल के पूर्व में [[बंगाल की खाड़ी]], पश्चिम में [[अरब सागर]] एवं दक्षिण में [[हिंद महासागर]] है। यहाँ आकर हर व्यक्ति को प्रकृति के अनंत स्वरूप के दर्शन होते हैं। सागर-त्रय के [[संगम]] की इस दिव्यभूमि पर माँ भगवती 'देवी कुमारी' के रूप में विद्यमान हैं। इस पवित्र स्थान को विदेशी सैलानियों ने 'एलेक्जेंड्रिया ऑफ़ ईस्ट' की उपमा से नवाज़ा है। [[कन्याकुमारी|... और पढ़ें]]
*भागवत में ‘ब्रज’ क्षेत्र विषेश को इंगित करते हुए ही प्रयुक्त हुआ है। वहाँ इसे एक छोटे ग्राम की संज्ञा दी गई है। उसमें ‘पुर’ से छोटा ‘ग्राम’ और उससे भी छोटी बस्ती को ‘ब्रज’ कहा गया है। 16वीं शताब्दी में ‘ब्रज’ प्रदेश के अर्थ में होकर ‘ब्रजमंडल’ हो गया और तब उसका आकार '''[[ब्रज चौरासी कोस की यात्रा|चौरासी कोस]]''' का माना जाने लगा था।
+
</poem>
*आज जिसे हम ब्रज क्षेत्र मानते हैं उसकी दिशाऐं, उत्तर में पलवल, [[हरियाणा]], दक्षिण में [[ग्वालियर]], [[मध्य प्रदेश]], पश्चिम में [[भरतपुर]], [[राजस्थान]] और पूर्व में [[एटा]] [[उत्तर प्रदेश]] को छूती हैं। [[मथुरा]]-[[वृन्दावन]] ब्रज के केन्द्र हैं।
+
|}
*ब्रज के वन–उपवन, कुन्ज-निकुन्ज, श्री [[यमुना]] व गिरिराज अत्यन्त मोहक हैं। पक्षियों का मधुर स्वर एकांकी स्थली को मादक एवं मनोहर बनाता है। [[मोर|मोरों]] की बहुतायत तथा उनकी पिऊ-पिऊ की आवाज़ से वातावरण गुंजायमान रहता है।
+
{| width="100%" cellpadding="0" cellspacing="0"
*ब्रज के प्राचीन संगीतज्ञों की प्रामाणिक जानकारी 16वीं शताब्दी के [[भक्तिकाल]] से मिलती है। इस काल में अनेकों संगीतज्ञ वैष्णव संत हुए। संगीत शिरोमणि [[स्वामी हरिदास जी]], इनके गुरु आशुधीर जी तथा उनके शिष्य [[तानसेन]] आदि का नाम सर्वविदित है।
+
|-valign="top"
*ब्रजभूमि पर्वों एवं त्योहारों की भूमि है। यहाँ की संस्कृति उत्सव प्रधान है। यहाँ हर ऋतु माह एवं दिनों में पर्व और त्योहार चलते हैं। [[होली]] ब्रज का विशेष त्योहार है। इसमें [[यज्ञ]] रूप में नवीन अन्न की बालें भूनी जाती है।  [[ब्रज|.... '''और पढ़ें''']]
+
| class="headbg12"  style="width:50%; border:1px solid #e8cbac; padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" |
 +
<div style="padding-left:8px; background:#f8e4cf; padding:5px; border:thin solid #e8cbac; margin-bottom:10px">'''महत्त्वपूर्ण लेख'''</div>
 +
[[कोलकाता]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[दिल्ली]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[उदयपुर]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[मुम्बई]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[माउंट आबू]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अमृतसर]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[देहरादून]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[जयपुर]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अजमेर]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[वाराणसी]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[स्वर्ण मंदिर]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[ताजमहल]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[इंडिया गेट]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[लाल क़िला दिल्ली]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[सारनाथ]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[बेंगळूरू]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[अयोध्या]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[खजुराहो]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;
 +
[[हम्पी]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[पटना]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[गोवा]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[चेन्नई]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[उदयगिरि गुफ़ाएँ]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[तिरुपति वेन्कटेशवर मन्दिर]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[पुष्कर]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[महाबलीपुरम]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[कृष्ण जन्मभूमि]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[चारमीनार]]  &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[लाल क़िला आगरा]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp;  [[सूर्य मंदिर कोणार्क]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[सोमनाथ]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[केदारनाथ]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[सिकंदरा आगरा]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[फ़तेहपुर सीकरी]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[हुमायूँ का मक़बरा]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[ ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[रानी की वाव]] &nbsp;&nbsp;•&nbsp;&nbsp; [[काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान]]
 
|}
 
|}
 
+
{| width="100%" cellpadding="0" cellspacing="0"
{| width="49%" align="right" cellpadding="1" cellspacing="5"
+
|-valign="top"
 +
{{Robelbox|theme=1|title=पर्यटन श्रेणी वृक्ष}}
 +
<div style="{{Robelbox/pad}}; font-size:90%; height:400px; overflow:auto;">
 +
<categorytree mode=pages>भारत के पर्यटन स्थल</categorytree>
 +
</div>
 +
{{Robelbox/close}}
 
|-
 
|-
| class="headbg40" style="border:1px solid #B0B0FF;padding:10px;width:50%;" valign="top" | 
+
| style="border:1px solid #c6a582; padding:10px; background:#fffaf5; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" class="headbg14" colspan="2" |
<div class="headbg15" style="padding-left:8px;"><span style="color:#191406">'''कुछ चुने हुए लेख'''</span></div>
 
* [[कोलकाता]]
 
* [[फ़तेहपुर सीकरी]]
 
* [[उदयपुर]]
 
* [[मुम्बई]]
 
*
 
 
 
| class="headbg6" style="border:1px solid #D0D09D;padding:10px;width:50%;" valign="top" | 
 
<div class="headbg5" style="padding-left:8px;"><span style="color:#34341B;">'''पर्यटन श्रेणी वृक्ष'''</span></div>
 
{{#Categorytree:भारत के पर्यटन स्थल}}
 
|-
 
| style="border:1px solid #f6bbdb; padding:10px; background:#ffe7f4;" valign="top" class="tourbg" colspan="2" |
 
 
{| width="100%" align="left" cellpadding="0" cellspacing="0" style="background:transparent;"
 
{| width="100%" align="left" cellpadding="0" cellspacing="0" style="background:transparent;"
 
|-
 
|-
| colspan="3" | <div class="headtour" style="padding-left:5px;">'''चयनित चित्र'''</div>
+
| colspan="3" | <div style="padding-left:5px; background:#e1cab1">'''चयनित चित्र'''</div>
 
----
 
----
 
|-
 
|-
| style="background:#fbd0e7; width:5%;" |
+
| style="background:#e1cab1; width:5%;" |
 
| style="width:90%;" valign="top" |  
 
| style="width:90%;" valign="top" |  
[[चित्र:Buland-Darwaja-Fatehpur-Sikri-Agra.jpg|300px|[[बुलंद दरवाजा]], फ़तेहपुर सीकरी, [[आगरा]]|center]]
+
[[चित्र:Gwalior-Fort-Gwalior.jpg|220px|[[ग्वालियर क़िला]]|center]]
| style="background:#fbd0e7; width:5%" |
+
| style="background:#e1cab1; width:5%" |
 
|-
 
|-
 
| colspan="3"|
 
| colspan="3"|
 
----
 
----
<div style="text-align:center;">[[बुलंद दरवाजा]], [[फ़तेहपुर सीकरी]], [[आगरा]]</div>
+
<div style="text-align:center;">[[ग्वालियर क़िला]]</div>
 
|}
 
|}
 
|}
 
|}
|-
+
|}
|
+
 
====<u>पर्यटन</u>====
+
<br />
{{पर्यटन सूची1}}
+
{{seealso|पर्यटन चित्रावली}}
====<u>ऐतिहासिक स्थल</u>====
+
 
{{पर्यटन सूची2}}
+
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
====<u>प्राचीन धार्मिक स्थल</u>====
+
<references/>
{{पर्यटन सूची3}}
+
==संबंधित लेख==
====<u>धार्मिक स्थल</u>====
 
{{पर्यटन सूची4}}
 
|-
 
|
 
 
{{पर्यटन साँचे सूची}}
 
{{पर्यटन साँचे सूची}}
|}
+
 
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__
 
__NOEDITSECTION__
 
__NOEDITSECTION__
 +
 +
[[Category:प्रांगण]]
 +
[[Category:पर्यटन]]
 +
[[Category:पर्यटन कोश]]
 +
 +
{{DISPLAYTITLE:पर्यटन मुखपृष्ठ}}

14:58, 12 मई 2021 के समय का अवतरण

Compass-01.png
  • यहाँ हम भारत की पर्यटन संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • पर्यटन के अनेक प्रकार हैं जैसे- सांस्कृतिक, पर्यावरण, स्वास्थ्य, धार्मिक, शैक्षिक, पुरातत्त्व, विरासत-परम्परा, रोमांचक और वन्य जीवन आदि।
  • प्राचीन काल से ही भारत एक अत्यन्त ही विविधता सम्पन्न देश रहा है और यह विशेषता आज भी समय की घड़ी पर अंकित है।
  • वर्ष 2007 में, 90.3 करोड़ से अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन के साथ, 2006 की तुलना में 6.6% की वृद्धि दर्ज की गई।
पर्यटन श्रेणी के सभी लेख देखें:- पर्यटन कोश
  • भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...
विशेष आलेख
अहिल्या घाट, महेश्वर

        महेश्वर मध्य प्रदेश में स्थित एक ऐतिहासिक नगर तथा प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह नर्मदा नदी के किनारे पर बसा है। प्राचीन समय में यह होल्कर वंश की राजधानी था। महेश्वर को 'माहिष्मती' नाम से भी जाना जाता है। महेश्वर का हिन्दू धार्मिक ग्रंथ 'रामायण' तथा 'महाभारत' में भी उल्लेख मिलता है। देवी अहिल्याबाई होल्कर के कालखंड में बनाये गए यहाँ के घाट बहुत सुन्दर हैं और इनका प्रतिबिम्ब नर्मदा नदी के जल में बहुत ख़ूबसूरत दिखाई देता है। यह शहर अपनी 'महेश्वरी साड़ियों' के लिए भी विशेष रूप से प्रसिद्ध रहा है। ... और पढ़ें

चयनित लेख
छोटा इमामबाड़ा लखनऊ

        लखनऊ को ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ के वर्तमान स्वरूप की स्थापना अवध के नवाब 'आसफ़उद्दौला' ने 1775 ई. में की थी। पुरातत्त्ववेत्ताओं के अनुसार इसका प्राचीन नाम 'लक्ष्मणपुर' था। राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने इसे बसाया था। यहाँ के शिया नवाबों ने शिष्टाचार, ख़ूबसूरत उद्यानों, कविता, संगीत और बढ़िया व्यंजनों को सदैव संरक्षण दिया। लखनऊ 'नवाबों का शहर' भी कहलाता है। लखनऊ में बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा तथा रूमी दरवाज़ा मुग़ल वास्तुकला के अद्भुत उदाहरण हैं। ... और पढ़ें

चयनित लेख
कन्याकुमारी मंदिर

        कन्याकुमारी भारत भूमि के सबसे दक्षिण बिंदु पर स्थित केवल एक नगर ही नहीं बल्कि देशी विदेशी सैलानियों का एक बड़ा पर्यटन स्थल भी है। भारत के मस्तक पर मुकुट के समान सजे हिमालय के धवल शिखरों को निकट से देखने के बाद हर सैलानी के मन में भारतभूमि के अंतिम छोर को देखने की इच्छा भी उभरने लगती है। यह स्थान एक खाड़ी, एक सागर और एक महासागर का मिलन बिंदु है। अपार जलराशि से घिरे इस स्थल के पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर एवं दक्षिण में हिंद महासागर है। यहाँ आकर हर व्यक्ति को प्रकृति के अनंत स्वरूप के दर्शन होते हैं। सागर-त्रय के संगम की इस दिव्यभूमि पर माँ भगवती 'देवी कुमारी' के रूप में विद्यमान हैं। इस पवित्र स्थान को विदेशी सैलानियों ने 'एलेक्जेंड्रिया ऑफ़ ईस्ट' की उपमा से नवाज़ा है। ... और पढ़ें

महत्त्वपूर्ण लेख

कोलकाता   •   दिल्ली   •   उदयपुर   •   मुम्बई   •   माउंट आबू   •   अमृतसर   •   देहरादून   •   जयपुर   •   अजमेर   •   वाराणसी   •   स्वर्ण मंदिर   •   ताजमहल   •   इंडिया गेट   •   लाल क़िला दिल्ली   •   सारनाथ   •   बेंगळूरू   •   अयोध्या   •   खजुराहो   •   हम्पी   •   पटना   •   गोवा   •   चेन्नई   •   उदयगिरि गुफ़ाएँ   •   तिरुपति वेन्कटेशवर मन्दिर   •   पुष्कर   •   महाबलीपुरम   •   कृष्ण जन्मभूमि   •   चारमीनार   •   लाल क़िला आगरा   •   सूर्य मंदिर कोणार्क   •   सोमनाथ   •   केदारनाथ   •   सिकंदरा आगरा   •   फ़तेहपुर सीकरी   •   हुमायूँ का मक़बरा   •   ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क   •   रानी की वाव   •   काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान

पर्यटन श्रेणी वृक्ष
चयनित चित्र

ग्वालियर क़िला


इन्हें भी देखें: पर्यटन चित्रावली

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख