ऐरावतवर्ष एक पौराणिक स्थान का नाम है, जिसका उल्लेख महाभारत भीष्म पर्व में हुआ है-
'उत्तरेण तु श्रृंगस्य समुद्रान्ते जनाधिप, वर्षमैरावतं नाम तस्माच्छंगमत: परम्, न तत्र सूर्यस्तपति न जीर्यन्ते च मानवा:'[1][2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भीष्म पर्व महाभारत 8, 10-11
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 115 |