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वृंदारक एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- वृंदारक (बहुविकल्पी)

वृंदारक अथवा 'वृंद' नामक एक प्राचीन स्थान का उल्लेख महाभारत, सभापर्व[1] में हुआ है। महाभारत, सभापर्व के एक पाठ के अनुसार वृंदारक पर नकुल ने अपनी पश्चिमी दिशा की दिग्विजय के प्रसंग में अधिकार प्राप्त कर लिया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सभापर्व 32,11
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 868 |

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