"ऋषभ तीर्थ": अवतरणों में अंतर
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* इससे पूर्व के [[श्लोक]] में [[नर्मदा]] और [[शोण नदी |शोण]] के उद्भव पर [[वंशगुल्म |वंशगुल्म तीर्थ]] का उल्लेख है। इससे स्पष्ट है कि ऋषभ [[महाभारत]] के अनुसार [[अमरकंटक]] की [[पर्वत|पहाड़ियों]] में ही स्थित होगा। यह तथ्य [[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़]] [[मध्य प्रदेश |(म.प्र.)]] से 30 मील दूर स्थित '''उसभ''' नामक स्थान से प्राप्त एक [[शिलालेख]] से प्रमाणित होता है। जिसमें उसभ का प्राचीन नाम ऋषभ दिया हुआ है। संभव है ऋषभ पर्वत उसभ की निकटवर्ती [[पर्वत|पहाड़ियों]] में ही स्थित होगा।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=106|url=}}</ref> | * इससे पूर्व के [[श्लोक]] में [[नर्मदा]] और [[शोण नदी |शोण]] के उद्भव पर [[वंशगुल्म |वंशगुल्म तीर्थ]] का उल्लेख है। इससे स्पष्ट है कि ऋषभ [[महाभारत]] के अनुसार [[अमरकंटक]] की [[पर्वत|पहाड़ियों]] में ही स्थित होगा। यह तथ्य [[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़]] [[मध्य प्रदेश |(म.प्र.)]] से 30 मील{{मील|मील=30}} दूर स्थित '''उसभ''' नामक स्थान से प्राप्त एक [[शिलालेख]] से प्रमाणित होता है। जिसमें '''उसभ''' का प्राचीन नाम '''ऋषभ''' दिया हुआ है। संभव है 'ऋषभ पर्वत' '''उसभ''' की निकटवर्ती [[पर्वत|पहाड़ियों]] में ही स्थित होगा।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=106|url=}}</ref> | ||
13:05, 22 जुलाई 2018 के समय का अवतरण
ऋषभ दक्षिण-कोसल का एक तीर्थ है-
'ऋषभतीर्थ्मासद्य कोसलायां नराधिप'।[1]
- इससे पूर्व के श्लोक में नर्मदा और शोण के उद्भव पर वंशगुल्म तीर्थ का उल्लेख है। इससे स्पष्ट है कि ऋषभ महाभारत के अनुसार अमरकंटक की पहाड़ियों में ही स्थित होगा। यह तथ्य रायगढ़ (म.प्र.) से 30 मील
(लगभग 48 कि.मी.) दूर स्थित उसभ नामक स्थान से प्राप्त एक शिलालेख से प्रमाणित होता है। जिसमें उसभ का प्राचीन नाम ऋषभ दिया हुआ है। संभव है 'ऋषभ पर्वत' उसभ की निकटवर्ती पहाड़ियों में ही स्थित होगा।[2]
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