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<blockquote>'शिखिवासाः सवैडूर्यः कपिलो गंधमादनः, जारुधि प्रमुख स्तद्वत्पश्चिमे केसराचलाः।' | <blockquote>'शिखिवासाः सवैडूर्यः कपिलो गंधमादनः, जारुधि प्रमुख स्तद्वत्पश्चिमे केसराचलाः।'<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=898|url=}}</ref></blockquote> | ||
09:38, 20 अगस्त 2014 का अवतरण
शिखिवासस हिन्दू धार्मिक ग्रंथ 'विष्णुपुराण'[1] के अनुसार मेरु के पश्चिम में स्थित एक महान पर्वत[2]-
'शिखिवासाः सवैडूर्यः कपिलो गंधमादनः, जारुधि प्रमुख स्तद्वत्पश्चिमे केसराचलाः।'[3]
इन्हें भी देखें: कैलाश मानसरोवर, हिमालय एवं गाडविन आस्टिन (के 2)
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