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'''बार्हद्रथपुर''' [[महाभारत]] काल में [[गिरिव्रज]]<ref>( [[राजगृह]], [[बिहार]])</ref> का एक नाम था, इसका उल्लेख महाभारत, [[सभापर्व महाभारत|सभापर्व]] में हुआ है-


<blockquote>'विवेश राजाद्युतिमान् बार्हद्रथपुरं नृप, अभिषिक्तो महाबाहुर्जारासंधिर्महात्मभि:'<ref>[[सभापर्व महाभारत|सभापर्व]], 24, 44.</ref></blockquote>
<blockquote>'विवेश राजाद्युतिमान् बार्हद्रथपुरं नृप, अभिषिक्तो महाबाहुर्जारासंधिर्महात्मभि:'<ref>[[सभापर्व महाभारत|सभापर्व]], 24, 44.</ref></blockquote>


*[[जरासंध]] की राजधानी होने के कारण गिरिव्रज को बार्हद्रथपुर अर्थात् 'बृहद्रथ के पुत्र' - जरासंध का नगर कहा जाता था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=622|url=}}</ref>
*[[जरासंध]] की राजधानी होने के कारण गिरिव्रज को बार्हद्रथपुर अर्थात् 'बृहद्रथ के पुत्र' - 'जरासंध का नगर' कहा जाता था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=622|url=}}</ref>


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08:09, 20 सितम्बर 2012 के समय का अवतरण

बार्हद्रथपुर महाभारत काल में गिरिव्रज[1] का एक नाम था, इसका उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है-

'विवेश राजाद्युतिमान् बार्हद्रथपुरं नृप, अभिषिक्तो महाबाहुर्जारासंधिर्महात्मभि:'[2]

  • जरासंध की राजधानी होने के कारण गिरिव्रज को बार्हद्रथपुर अर्थात् 'बृहद्रथ के पुत्र' - 'जरासंध का नगर' कहा जाता था।[3]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ( राजगृह, बिहार)
  2. सभापर्व, 24, 44.
  3. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 622 |

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